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perfectionist
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Posted on 01-19-10 9:52
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~ चौतारी १७३ ~ हाँसो ठट्टा र खुसी बाँड्दै, र मुक्तक, कविता, गजल, कथा आदिमा रमाउँदै अनेकन उकाली ओरालीहरु पार गरेर हामी चौतारीको १७३औं संस्करणमा आइपुगेका छौं।अहिले यस चौतारी सिमाना पूर्व मेचीबाट बढेर जापानसम्म पुगेको छ भने पश्चिम महाकालीबाट बढेर अमेरिका सम्म बढेको छ।अत एव, सधैं घाम लागिरहने पनि यस चौतारीको विशेषता हो। यस्तो चौतारीमा पाल्नुहुने तपाईंहरुलाई कोटी कोटी स्वागत छ। "जात,धर्म्,लिंग,राजनिति,भाषा,ब्यक्तिगत रिसइबी जस्ता कुरालाइ तिलाञ्जली दिएर मात्रै 'हामी नेपाली' हौ भन्ने र एकआपसमा मित्रभावले रामाइलो गर्न आउनेहरुलाइ चौतारीको बर-पिपल ले हार्दिक स्वागत गर्छ"
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | मा कर्मफलहेतुर्भिः मा ते सङ्गोस्त्व कर्मणि ||
आउनुहोस सधैँझैँ यसपाली पनि नयाँ चौतारीमा थकाई मारौँ मायापिरती साटौँ, हाँसो ठट्टाले यो दुईदिने जीवनलाई उल्लासमय बनाउँ! मिठो मिठो खाउँ र खुसि रहौँ!
यो चौतारीको डिलबाट बिहान सुटुक्क पारीपट्टि चिहाउँदा...आहा! कस्तो मनै आनन्दित तुल्याऊने दृष्य!! त्यो सुनौलो धौलागिरी! त्यो पाखा, त्यो बारी, त्यो पाठशाला, त्यो पसल, त्यो गैह्रो, त्यो लाँकुरी.... कठै त्यो मेरो गाउँ!!
हिमाल माथि घामले सिन्दूर हालेको कहाँ छ ? सुन हे यात्री यो देश मेरो नेपाल जहाँ छ! हेर्दामा खाउँ खाउँ चौँरीको छुर्पी खाँदामा चाम्रो ल्हास्सो ल्हास्सो ल्हास्सो शेर्पीनी दिदीले हाँसेको हेर कतिमा राम्रो ल्हास्सो ल्हास्सो ल्हास्सो Meet the world's finest school teachers, unbeatable students, mischievous senior citizens, wildest, vacationing revolutionaries, rethinking moderates, instant dreamerspoets, gifted story-tellers, pot smokers, alxoholics, workoholics, home-makers, pretty damsels, fierce contenders, homelanders,laa- hoo-rays, all on the stage of Chautari of Sajhaland (World's first and finest internet IMPROV in Nepali language)
Last edited: 20-Jan-10 09:19 AM
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perfectionist
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Posted on 01-19-10 9:55
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लु गन्नुमय प्रणाम
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Posted on 01-19-10 10:05
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बैरे
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Posted on 01-19-10 10:08
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के भन्छ पुरे बजिया कसको मुकुन्डो ?? लौ नयाँ धागो मा मङ्गलबारे गण्णु माया प्रणाम
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perfectionist
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Posted on 01-19-10 10:10
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khushii
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Posted on 01-19-10 10:11
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hahahaha ko raicha tyo LB bhanne nami badmas? गण्णु माया प्रणाम re? k bhayo yo bairelai aja?
Last edited: 19-Jan-10 10:14 AM
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perfectionist
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Posted on 01-19-10 10:15
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Rahuldai
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Posted on 01-19-10 10:26
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नयाँ चौतारीमा नयाँ तारेमाम। पुरेले मनले चिताएको पुरी पाओस , यही बैशाखमा पुरा होस्।
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ritthe
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Posted on 01-19-10 10:27
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याssssssssssहु म बोर फस ! फरकै छैन लौ हेर्दा हेर्दै पुरे ले नि घच्ची को चौतारी बनाउन थालेछ ! लौ पुरे फलोस फुलोस उन्नती प्रगती बाहेक अरु केही सुन्न नपरोस ! बैरे, खुशी, र पुरे लाई नयाँ चौतारीमा नयाँ जदौ !
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बैरे
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Posted on 01-19-10 10:28
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भगवान को माया भन्या पुरे र खुशी , खुशी लाई मदन्वा ले माया गरे झै र पुरे प्रभु तिम्रो भक्तिनी को नाम भन्दिउँ ??
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Rahuldai
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Posted on 01-19-10 10:29
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हैन कल्ले कस्को मुकुण्डो लाएर आएछ ?? अघिल्लो चौतारी चियाएर हेर्दा लोकल र ब्वाइलर एकै जस्तो लागो? के छ बिचार ??
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Birkhe_Maila
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Posted on 01-19-10 10:30
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गन्नुभाई- "ए क्या होरेला है?" रिठे काणा- "भाई वो, अपुनका सैरियल लंग्डा है न भाई वो गावँ वापस जारेला है!" गन्नुभाई- "अबे भुतनीके, अपुनका कम्पनि छोडछाडके जारेला है क्या?" रिठे काणा- "नक्को भाई, वो बोले तो शादि बनानेके वास्ते छोकरि देखनेको जारेला है!" गन्नुभाई- "काहे कु रे? ईधर कोई छोकरी नहिँ मिला क्या वो नासपिटेको?" रिठे काणा- "बात वैसा नक्को रे भाई, आइटम बोले तो ईधरको भि झक्कास झक्कास मिलनेको है, पन.." गन्नुभाई- " पन क्या?" रिठे काणा- "भाई वो लंगडा बोलरेला था कि, ईधरका आईटमलोग उसको घाँस नक्को डालते!" गन्नुभाई-" अबे मवाली, वो घोडा है क्या? घाँस काहेकु?" रिठे काणा- "हेंख हेंख हेंख भाई,वो घाँस डालना बोले तो पटनेका..ईधरका आईटमलोग उससे नहिँ पट्नेका!" गन्नुभाई- "काहे कु रे? वो त बस लंगडा है तेरे जैसा काणा नहिँ है रे!" रिठे काणा- "भाई आप भि न, वो बोले तो फेँक नहिँ सकता न, ईधरका आइटमलोग को पटानेका है तो ज्यास्ति फैँकनेका!" गन्नुभाई- "अबे सरकटि लाश, तु फिरसे अपुनका दिमागका दहि कररेला है,फेँकने से मतबल?" रिठे काणा- "भाई वो फेँकनेका मलबल ईङ्गलिसमे गप्पे मारनेका,वो मवालि गप्पे नहिँ मार सकता न!" गन्नुभाई- "और तु?" रिठे काणा- "हेंख हेंख हेंख भाई!" गन्नुभाई- "तो तु काणा ज्यास्ति फेँक सकता है और तेरे से आइटम पटरेली है? यहिच बकरेला है न तु?" रिठे काणा- "भाई आप समझदार हो!" गन्नुभाई- "अबे टमाटरके आखिरि दाने,तु अपुनको समझदार बोला, हाँ अपुन समझदार है,आईटम लोगको माँ बहन चाचि बनानेको फेँकना नहिँ बोलते।..देवा रे देवा ये नासपिटे समझरेला है कि वो फेँकरेला है, अबे पतझडके सडेले पत्ते,किधरसे सिखा तु ऐसा माँ बहन चाचि बनाके आइटम पटानेको? रिठे काणा- "भाई वो अपुन पुन्टिया पहलवान से सिखा!" गन्नुभाई- "पुन्टिया पहलवान, अब्बि ये कौन है?" रिठे काणा- "भाई वो पहले अपुनका कम्पनिपे था,एक बिल्डरसे खोखा उठानेको गया था, उधरिच बिर्खे हठेलाके गैंगने उसके सरके उपर उबला हुवा पानी डालदिया, तबसे ये मवाली टकला है!" गन्नुभाई-" तो उस टकले से सिखा तु ए सब?" रिठे काणा- गन्नुभाई- "अब क्या?" रिठे काणा- गन्नुभाई- "अबे कोल्डड्रिङ्क्स के खालि बोतलके मुडे हुवे स्ट्र,इधरलसे चलता भि है कि तेरा टेँटुवाँ दबाउँ?" रिठे काणा- "भाई आपसे एक छोटा सा मदद चाहिए मेरे कु!" गन्नुभाई- "भुतनिके! तब्बि मै सोचुँ कि काहेकु इतना बत्तिसि दिखारेला है ये सुअर! बक जो बकना है जल्दि से बक, अपुनको सुपारी उठानेको जानेका है!" रिठे काणा- "भाई, एक मवालीको टपकानेका है!" गन्नुभाई- "किसको? कोइ बिल्डर है क्या? प्राडुसर है क्या?" रिठे काणा- "भाई वो अपुनका कम्पनिका बिजनसका केस नक्को है!" गन्नुभाई- " तो काहेको दुसरे केसमे उंगली करनेका?" रिठे काणा- "भाई वो अपुनका परसनल बोले तो अपना मामला है!" गन्नुभाई॒- " अबे क्या हुवा बकेगा भि या घुसादुँ घोडा तेरि किचड जैसे मुह पे?" रिठे काणा- " भाई एक मदनवा बिहारी करके छोकरेको टपकानेका है मेरे कु!" गन्नुभाई- " क्या किया वो बिहारी?" रिठे काणा- "भाई अपुनको लगता है वो अपुन कि बेन खन्नो को पटारेला है!" गन्नुभाई- "अबे, ये कोइ खन्नो कबसे तेरि बेन होगेलि?" रिठे काणा- "भाई समझाकरो न, वो फेँकके बेन बनाएला था अपुन, उसकि सहेलि बोले तो एकदम झक्कास आईटम है,वो अपुन तेजाव फिल्ममे जैसा कररेला है, छोकरी पटानेका है तो उसकि सहेलीको बेन बनालो!" गन्नुभाई- " आया न नासपिटे अपनि औकात पर, अबे जल्दि बक क्या किया वो बिहारी?" रिठे काणा- "भाई वो सिधा सिधा तो नक्को लगता कि पटारेला है, पन अपुन कि छठि इन्द्री बोलति है कि वो पटारेला है!" गन्नुभाई- "अबे क्या घुमाफिराकर बोलरेला है, घोडेकि नाल कि माफिक सिधा बोल्! क्या किया वो तेरे बेन को पटानेको?" रिठे काणा- "भाई वो,याद तो कुछ नक्को सिरफ बात करता है, पन मेरे कु और कम्पनीके और छोकरालोगको लगरेला है कि वो मवालि खन्नो बेन को पटारेला है!" गन्नुभाई- "अबे भुकम्प पे उजडि हुवि इमारत,सिरफ लगनेसे तु गेम बजाने कि सोचरेला है?" रिठे काणा-"बात ऐसि नक्को रे भाई, पन मेरेको लगरेला है कि वो खन्नो बेनको...!" गन्नुभाई - "चुप्...चुप्..कमिने किचडके किडे , लगता है सठियागेला है, सिरफ लगनेके किसको भि खलास करने कि बात कररेला हे! अरे वो हर्के रंगिलाSSSS!" हर्के रंगिला- "ज् जि भाई, आप याद किया अपुनको?" गन्नुभाई - "हाँ, ये भुतनीके काणा सठियागेला है, तु अब्बि के अब्बि राहुल डक्टरका नम्बर घुमा और इसको मैन्टल वार्डमे चल्ता कर और मेरे कु हवा आने दे! साला दिमागका दहि करदिया काणे ने!" रिठे काणा-
Last edited: 19-Jan-10 10:45 AM
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perfectionist
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Posted on 01-19-10 10:39
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khushii
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Posted on 01-19-10 10:43
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बैरे
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Posted on 01-19-10 10:44
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पुरे को राम काहानी भनिदिउ भनिदिउ लाग्यो क्या अर्नी होला ? लहरे नेपाल गयो उशालाई भनिदिया भए गोर्खा पत्र मा छपी दिन्थ्यो । ईमेल पठाउनु पर्ला लहरे लाई , केही कुरा त हामीले नी च्याट को सव गर्या छौ क्यारे बुझ्या हो नी पुरे ले
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perfectionist
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Posted on 01-19-10 10:49
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अ बज्ये बैरे मुर्दार, के भा पाट तिमी, कस्तो लहरे लहरे गन्हायो बै याँ त। के यार तिमी त, कस्तो राम्रो साथी भन्थन्या त, लहरेलाई बल्ल बल्ल हात्-खुट्टो भाँच्देर पाखा लाएँ अब फेरी तिमी?
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Birkhe_Maila
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Posted on 01-19-10 10:50
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गन्नु महात्म्य लेख्दा लेख्दै नयाँ चौतारी बनेछ। लु पुरे केटो गजप को चौतारी बनाएकोमा धन्यवाद् यो बर्ख चिटिख्ख परेकी स्वास्नि पाएस अर्को बर्ख घोर्ले छोरोको बाऊ भएस, बुडाको आसिस लागोस! हैन को मुकुण्डो लाएर आयो? खुसि नानी, पहिला पहिला चौतारीमा सान्नानी- सन्नो, बसन्ती - बन्नो, ठुल्नानी- ठन्नो बनाको जस्तै तिमीलाई खन्नो बनाइद्या त्यति मिल्या जस्तो त मलाई नि लाग्या हैन के गर्नु, अब खुसिया मिल्थ्यो मिल्न त फेरि मदनवा टुपलुक्क आएर " ऊ हमि भन्ने नाम जिमवाला बुह्रो काहेको भन्यो?" भनेर कुर्लने डर, क्यार्नु!
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ritthe
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Posted on 01-19-10 10:58
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>>>उधरिच बिर्खे हठेलाके गैंगने उसके सरके उपर उबला हुवा पानी डालदिया, तबसे ये मवाली टकला है!"<<< हा हा हा लोल ! टकला मवाली रे ! खुशी लाई खन्नो रे ! कस्तो राम्रो नाम ! अइले सम्म त सन्नो, बन्नो, दन्नो, ठन्नो मात्र थिए अब खन्नो नि आयो ! हा हा भनेसी मदनवा को नि खैर छैन अब आउनी एपिसोड मा ! सुपारी गैसक्या छ ! चपाउन मात्र बाँकी छ ! "हमि सला गरीब आदमी को सुपारे दिएछ रिठे दाजु" भन्दै आउछ मोरा अहिले !
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बैरे
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Posted on 01-19-10 11:00
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<<यो बर्ख चिटिख्ख परेकी स्वास्नि पाएस अर्को बर्ख घोर्ले छोरोको बाऊ भएस, बुडाको आसिस लागोस!>> त्यो त कुरै छैन बिर्खे बा , पुरे ले उहाँ कृष्णजी ले झै जता ततै तरुनी हरु लाई घायल बनाको बनाइ छ । अरको बर्ख त झ्याइ कुटी हुन्छ हुन्छ मखुला पुरे
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perfectionist
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Posted on 01-19-10 11:01
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<<< लु पुरे केटो गजप को चौतारी बनाएकोमा धन्यवाद् यो बर्ख चिटिख्ख परेकी स्वास्नि पाएस अर्को बर्ख घोर्ले छोरोको बाऊ भएस, बुडाको आसिस लागोस!>>>
बाजेको आसिस खेर पठाउन त मन थेन, तर कस्तो शोर्ट आसिस देको, आर्को ५ बर्ष सम्म भा भे नि लौ भन्नु, हाम्रो रामे हेर्नु न, उस्का त केइ भा छैन, अलिक उमेर हुनी बेलाइमा त हो नि, बे गरेछि त त्यो बैरे जस्तो भयिन्छ। उमेरले कुट्-कुताउँछ, घराँ भा बुढीले सताउँछ जस्तै हुन्छ। चौतारीको मोस्ट एलिगिबल ब्याच्लोर हुनी सौ-भाग्य यती छिटो के जान दियाइ भो र, हैन र? यौटो कुरो क्या
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